मालदीव किस देश में है? जानें वह सब कुछ जो आपको मालदीव के बारे में जानना चाहिए!

Written By-Chatur

मालदीव किस देश में है?: अगर आप घूमने के शौकीन है तो आपको मालदीव जरूर जाना चाहिए। मालदीव एक द्वीप समूह है जो बेहद सुन्दर और आकर्षक है. मालदीव की सुंदरता हर प्रकृति प्रेमी और हर यात्री अपनी और आकर्षित करती है. सफ़ेद रेतीले तट, नीला समुन्द्र और रमणीय दृश्य मालदीव को अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। लेकिन जिसको भी मालदीव के बारे में मालूम नहीं है उसको यह जानने में उत्सुकता होगी की मालदीव किस देश में है? आज इस लेख में हम जानेंगे की मालदीव किस देश में है? और साथ ही मालदीव के इतिहास, भूगोल और विशेषताओं पर भी विस्तार से बात करेंगे।

मालदीव किस देश में है: स्थान और भूगोल

मालदीव किस देश में है?
मालदीव किस देश में है?

मालदीव किस देश में है?

मालदीव किसी अन्य देश का हिस्सा नहीं है, बल्कि एक स्वतंत्र देश है। यह दक्षिण एशिया का एक द्वीप राष्ट्र है, जो हिंद महासागर में फैला हुआ है। मालदीव एक हजार से भी ज्यादा छोटे-बड़े द्वीपों से मिलकर बना है, इसी लिए मालदीव को ‘द्वीपों का देश’ भी कहा जाता है.

मालदीव का सटीक स्थान

मालदीव श्रीलंका और भारत के दक्षिण-पश्चिम दिशा में है। मालदीव भूमध्य रेखा के पास है, इसलिए यहां का मौसम हमेशा गर्म और थोड़ा नम रहता है. मालदीव की उत्तरी दिशा में भारत का लक्षद्वीप द्वीपसमूह है और पूर्वी दिशा में श्रीलंका। अगर आप कभी भारत के लक्षद्वीप द्वीप समूह की ओर जाएं, तो मालदीव उसके ठीक सामने होगा.

मालदीव का भूगोल

मालदीव में 26 एटोल (Atolls) हैं, ये एटोल समुद्र में बने हुए कोरेल (एक तरह का समुद्री जीव) के घरों की तरह हैं। अगर हम मालदीव का नक्शा देखें तो ये एटोल एक बड़े से समुद्र में बिखरे हुए मोतियों की तरह लगते हैं. ये एटोल करीब 90,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं, लेकिन इस क्षेत्र का केवल 1% हिस्से में ही भूमि क्षेत्र है. और बाकि हिस्सा घिरा हुआ है, जो जो इसे एक आकर्षक और अद्वितीय पर्यटन स्थल बनता है.

मालदीव का इतिहास

मालदीव किस देश में है?
मालदीव किस देश में है?

मालदीव की स्थापना

मालदीव का इतिहास बहुत पुप्राचीन काल से जुड़ा है। पहले इसे माले द्वीप कहा जाता था। इस छोटे से देश पर बहुत सारे अलग-अलग राजाओं ने राज किया है. पहले यहां बौद्ध और हिंदू धर्म के लोग रहते थे. फिर 12वीं सदी के आसपास यहां इस्लाम धर्म आया और आज भी मालदीव में ज्यादातर लोग इस्लाम धर्म मानते हैं. यानी आज मालदीव एक इस्लामी गणराज्य है।

उपनिवेश काल

कभी बहुत पहले, 19वीं सदी में, मालदीव पर इंग्लैंड के लोगों (ब्रिटिश साम्राज्य) का राज था। हालांकि, मालदीव के लोगों को अपने देश के काम खुद करने की काफी आजादी थी। लेकिन फिर, 1965 में, मालदीव के लोगों ने इंग्लैंड से कहा कि अब वे खुद अपना देश चलाएंगे और मालदीव ने ब्रिटेन से स्वतंत्रता प्राप्त की और एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। इस तरह, मालदीव एक आजाद देश बन गया.

मालदीव की विशेषताएँ

मालदीव किस देश में है?
मालदीव किस देश में है?

समुद्र तटीय सौंदर्य

मालदीव के समुद्र तट दुनिया के सबसे खूबसूरत समुद्र तटों में से हैं। इन तटों पर चमकदार सफेद रेत और नीला सागर मिलकर ऐसा नज़ारा बनाते हैं जैसे किसी फिल्म का सीन हो. यहां का पानी इतना साफ होता है कि आप नीचे तक देख सकते हैं. जब आप मालदीव के समुद्र तट पर जायेगे तो आप दुनिया की सारी परेशानियां भूल कर मालदीव सुंदरता की सुंदरता में खो जायेंगे।

प्रवाल द्वीप समूह

मालदीव के सभी द्वीप दरअसल समुद्र में उगे हुए पत्थरों से बने हैं, जिन्हें हम प्रवाल (Coral Islands) कहते हैं। ये प्रवाल बहुत ही खूबसूरत होते हैं और इनमें तरह-तरह के रंग होते हैं। इन प्रवालों के आसपास कई तरह की मछलियां और दूसरे समुद्री जीव रहते हैं। इसलिए, जो लोग समुद्र में गोता लगाना या तैरना पसंद करते हैं, उनके लिए मालदीव एक बहुत ही अच्छी जगह है। यहां वे इन खूबसूरत प्रवालों और रंगीन मछलियों को करीब से देख सकते हैं.

हनीमून का आदर्श स्थल

मालदीव रोमांटिक और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर कोई शादी के बाद अपना हनीमून मनाना चाहता है। यहां बहुत से ऐसे होटल हैं जो शादी के बाद हनीमून मनाने वाले जोड़ों के लिए खास तौर पर बनाए गए हैं। इन होटलों में आपको अपना निजी स्विमिंग पूल भी मिल सकता है। यानी आप पूरी तरह से अकेले और निजी माहौल में अपना समय बिता सकते हैं.

मालदीव की अर्थव्यवस्था

पर्यटन का महत्व

मालदीव की अर्थव्यवस्था यानी मालदीव के पैसे कमाने का सबसे बड़ा जरिया पर्यटन है। यहां के खूबसूरत समुद्र तट, रंग-बिरंगे मछली घर और लग्जरी होटल देखने दुनिया भर से लोग आते हैं। हर साल लाखों की तादाद में लोग यहां घूमने आते हैं। इन पर्यटकों की वजह से ही मालदीव की अर्थव्यवस्था मजबूत रहती है।

मछली पालन और कृषि

मालदीव में पर्यटन के अलावा मछली पकड़ना भी एक बहुत बड़ा काम है। यहां सबसे ज्यादा ट्यूना मछली पकड़ी जाती है, जिसे दुनिया के कई देशों में भेजा जाता है। इसके अलावा, मालदीव में नारियल, केले और पपीते जैसे फल भी उगाए जाते हैं। यानी मालदीव के लोग सिर्फ पर्यटन पर ही निर्भर नहीं हैं, बल्कि वे मछली पकड़कर और खेती करके भी अपनी रोजी-रोटी कमाते हैं.

मालदीव की संस्कृति

मालदीव किस देश में है?
मालदीव किस देश में है?

धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर

मालदीव के ज्यादातर लोग इस्लाम धर्म को मानते हैं और वे इस्लाम के रीति-रिवाजों का पालन करते हैं। वहां के घर, मस्जिदें और दूसरी इमारतें भी इसी धर्म से प्रभावित हैं। मालदीव का संगीत और वास्तुकला भी उनकी संस्कृति का एक अहम हिस्सा है। यानी, मालदीव की संस्कृति में इस्लाम धर्म का बहुत बड़ा योगदान है.

भाषा और भोजन

मालदीव में लोग ज्यादातर धिवेही (Dhivehi) भाषा बोलते हैं। यह भाषा श्रीलंका और भारत के दक्षिणी हिस्सों में बोली जाने वाली भाषाओं से मिलती-जुलती है। वहां के लोग खाने में मछली बहुत पसंद करते हैं। वे ट्यूना मछली से कई तरह के स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं। इन व्यंजनों में नारियल और कई तरह के मसाले भी डाले जाते हैं। यानी मालदीव का खाना मछली और नारियल से भरपूर होता है.

Read This: क्या आप जानते हैं लहसुन प्याज की उत्पत्ति कैसे हुई? पढ़ें इस चौंकाने वाली कहानी को

मालदीव किस देश में है? मालदीव कैसे पहुँचा जा सकता है?

वायुमार्ग

मालदीव जाने का सबसे आसान तरीका है हवाई जहाज से। दुनिया के कई देशों से सीधे माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (Velana International Airport) मालदीव के हवाई अड्डे पर फ्लाइटें आती हैं। भारत, श्रीलंका और यूरोप कई प्रमुख शहरों से तो आप सीधे मालदीव पहुंच सकते हैं। यानी अगर आप मालदीव घूमने जाना चाहते हैं तो आपको बस हवाई जहाज का टिकट बुक करना है और आप कुछ ही घंटों में वहां पहुंच सकते हैं.

जलमार्ग

मालदीव में एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर जाने के लिए आप पानी के जहाजों का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां आपको कई तरह के जहाज मिल जाएंगे जैसे कि छोटी नावें, स्पीड बोट और पानी की टैक्सी। ये जहाज आपको एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर ले जाएंगे ताकि आप वहां की खूबसूरती का लुत्फ उठा सकें.

मालदीव में घूमने की मज़ेदार जगहें

मालदीव में घूमने के लिए बहुत सारी खूबसूरत जगहें हैं। आओ, इनमें से कुछ जगहों के बारे में जानते हैं:

  • माले शहर: माले शहर मालदीव की राजधानी है। यहां आपको पुरानी इमारतें, मस्जिदें और बाजार देखने को मिलेंगे। नेशनल म्यूजियम और सुल्तान पार्क भी घूमने लायक हैं।
  • द्वीप पर बने होटल: मालदीव में बहुत सारे द्वीप हैं और इनमें से कई पर शानदार होटल बने हुए हैं। इन होटलों में आपको समुद्र के किनारे रहने का मौका मिलेगा और आप पानी में कई तरह के खेल भी खेल सकते हैं।
  • अडू एटोल: यह मालदीव का एक बहुत बड़ा द्वीप है। यहां बहुत शांत और सुकून मिलता है। आप यहां के खूबसूरत समुद्र तटों और रंग-बिरंगे मछली घरों को देख सकते हैं।

यानी मालदीव में आप समुद्र के किनारे आराम कर सकते हैं, पानी के खेल खेल सकते हैं, खूबसूरत जगहें देख सकते हैं और एक नई संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।

मालदीव में छुट्टियाँ बिताने के सुझाव

  • कब जाएं: मालदीव घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से अप्रैल तक होता है। इस दौरान मौसम बहुत अच्छा रहता है, सूरज चमकता है और समुद्र शांत रहता है। आप इस दौरान पानी के खेलों का भरपूर आनंद ले सकते हैं।
  • क्या ले जाना है: मालदीव जाने के लिए आपको पासपोर्ट की जरूरत होगी। साथ ही, आपको जिस होटल में रहना है, उसकी बुकिंग का प्रूफ भी रखना होगा।
  • खास बात: भारतीयों के लिए मालदीव जाना बहुत आसान है। आपको वहां पहुंचकर ही वीज़ा मिल जाएगा।

यानी, अगर आप एक शांत और सुकून भरी छुट्टी बिताना चाहते हैं, तो मालदीव आपके लिए एक बेहतरीन जगह है। यहां आप खूबसूरत समुद्र तटों पर लेटकर आराम कर सकते हैं, पानी के खेल खेल सकते हैं और स्वादिष्ट खाना खा सकते हैं।

निष्कर्ष

मालदीव एक स्वतंत्र द्वीप राष्ट्र है, जो दक्षिण एशिया में स्थित है और अपनी प्राकृतिक सुंदरता और पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। यदि आप मालदीव की यात्रा का सपना देख रहे हैं, तो यह आपके लिए एक अद्वितीय अनुभव साबित हो सकता है। चाहे आप हनीमून पर जा रहे हों या आराम की छुट्टियाँ बिताने, मालदीव के तटीय सौंदर्य और लग्ज़री रिसॉर्ट्स आपको कभी न भूलने वाला अनुभव देंगे।

अब जब आप जानते हैं कि “मालदीव किस देश में है?”, तो अपनी यात्रा की योजना बनाइए और इस स्वर्ग जैसे स्थल का आनंद उठाइए!

मेरा नाम चतुर है। मैंने कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएशन किया है। मेरा मानना है कि सीखना एक आजीवन प्रक्रिया है, और में हमेशा नई चीजें सीखने और अपने पाठकों के साथ ज्ञान बाँटने का प्रयास करता रहता हूँ।

Leave a Comment